अस्थमा से मुकाबला ध्यान दे....

सर्दी जब चरम पर होती है तो उस समय चलने वाली ठंडी और शुष्क हवाएं अस्थमा के मरीजों में अटैक का खतरा बढ़ा देती है। अस्थमा बहुत तकलीफ देने वाली बीमारी है और अगर सर्दियों में इसका अटैक आए तो मरीज के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।



प्रज्ञा पाण्डेय

सर्दी जब चरम पर होती है तो उस समय चलने वाली ठंडी और शुष्क हवाएं अस्थमा के मरीजों में अटैक का खतरा बढ़ा देती है। अस्थमा बहुत तकलीफ देने वाली बीमारी है और अगर सर्दियों में इसका अटैक आए तो मरीज के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। ऐसी में सर्दियों में अस्थमा के अटैक से बचने के लिए आपको कुछ सावधानियां बरतने और खतरे के प्रति आगाह रहने की जरूरत है। 

सर्दी में बाहर कम निकले

घर के बाहर चलने वाली ठंडी हवा अस्थमा के मरीजों की परेशानी बढ़ा देती है। ऐसे में आप अधिक से अधिक घर के अंदर रहें। आवश्यकता अनुसार घर से बाहर निकलना ही पड़े तो नाक और चेहरे को अच्छी तरह से ढक लें। कोरोना काल में मास्क पहनना भी आपको फायदेमंद साबित होगा। 

व्यायाम के समय रखें ख्याल

अगर आप अस्थमा के मरीज हैं और सर्दियों में घर से बाहर एक्सरसाइज करना चाहती हैं तो कुछ बातों का ख्याल जरूर रखें। व्यायाम से 15 से 20 मिनट पहले इनहेलर का इस्तेमाल जरूर करें। आपात स्थिति से निपटने के लिए इनहेलर भी अपने साथ रखें। जरूरत पड़ने पर ठंडी हवाओं से बचने के लिए अपने चेहरे पर स्कार्फ बांध लें। 

हाथों की सफाई है जरूरी

आपकी हथेली की गंदगी नुकसानदायक साबित हो सकती है इसलिए अपने हाथों को कुछ समय अंतराल पर धोते रहें। हाथों को साबुन-पानी से 40 सेकंड धोएं या सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। इस तरह की साफ-सफाई आपको न केवल स्वस्थ रखेगी बल्कि अस्थमा के अटैक से भी बचाएगी। 

फ्लू की वैक्सीन भी कारगर

अस्थमा के मरीजों के लिए निमोनिया की वैक्सीन भी बेहतर होती है। लेकिन इसके लिए सर्दियों की शुरुआत होते ही डॉक्टर से मिले और उसे अपनी परेशानी बता कर इसके बारे में पूछें। संभव है, चिकित्सक आपको ऐसी वैक्सीन दे, जो आपके लिए लाभदाई हो। वैसे भी अपनी सेहत का ख्याल रखने के लिए सर्दियां शुरू होने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से जरूर मिलें ताकि इमरजेंसी जैसी परिस्थितियों से आसानी से निपटा जा सके। 

इंफेक्शन से बचाव

अगर आप अस्थमा के मरीज हैं तो अपना खास ख्याल रखना आपके लिए बेहद जरूरी है। कभी ऐसे मरीजों के संपर्क में ना आए जो किसी प्रकार के इंफेक्शन से ग्रसित हो। ऐसे मरीज आपको न केवल बीमार करते हैं बल्कि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी नुकसान पहुंचाते हैं। 

खानपान में बदलाव

अस्थमा के रोगियों को सर्दियों में डाइट में भी थोड़ा बदलाव करना जरूरी है। हमेशा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली चीजें ही खाएं। साथ ही अपने खाने में तरल पदार्थों को शामिल करें, जो फेफड़े में जमा बलगम को पिघलाने का काम करते हैं। 

घर की साफ सफाई

अस्थमा के लिए जिम्मेदार तत्वों में घर के अंदर की धूल या इंडोर डस्ट को भी शामिल किया जाता है। ऐसी में घर को साफ करने के लिए वैक्यूम क्लीनर का इस्तेमाल करें। घर में मौजूद कालीन और परदों की सफाई करती रहें। बिस्तर पर मौजूद चादर और कंबल को समय से गर्म पानी से धोती रहें।

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