अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए लोगों की आस्था इस कदर जुड़ी हुई है कि 60 सालों से गुफा में रहकर जीवन व्यतीत कर रहे संत शंकर दास ने एक करोड़ का दान दिया है। लोग उन्हें फक्कड़ बाबा के नाम से जानते हैं।
ऋषिकेश नीलकंठ पैदल मार्ग पर गुफा में रहने वाले एक संन्यासी ने समर्पण निधि के रूप में श्री राम मंदिर ट्रस्ट को एक करोड़ रुपये समर्पित किए हैं। यमकेश्वर प्रखंड के मणि कूट पर्वत की तलहटी पर स्थित पौराणिक नीलकंठ महादेव मंदिर जाने वाले श्रद्धालु टाट वाले बाबा से भली भांति परिचित हैं। पैदल मार्ग पर टाट वाले बाबा की गुफा वर्षों से श्रद्धालुओं को भोजन प्रसाद और राहत उपलब्ध कराती आ रही है।
बुधवार को स्वामी शंकर दास महाराज ने एक करोड़ रुपये का चेक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघ जिला संघचालक सुदामा सिंगल को सौंपा। इस अवसर पर स्वामी शंकर दास ने बताया कि उन्होंने यह निधि कई वर्षों से इसी कार्य के लिए जमा की हुई थी कि जिस दिन श्री राम मंदिर का निर्माण प्रारंभ होगा यह निधि मैं राम मंदिर के निर्माण के लिए दूंगा। 83 वर्षीय संत स्वामी शंकर दास महाराज ऐसे व्यक्तियों में शामिल हैं, जिनके गुरु महर्षि महेश योगी, विश्व गुरु महामंडलेश्वर ब्रह्मलीन संत स्वामी मुनीषानंद महाराज, मस्तराम बाबा जैसे संतों के समकालीन थे।
वेद निकेतन के महामंडलेश्वर स्वामी विजयानंद सरस्वती ने बताया कि टाट वाले बाबा स्वामी शंकर दास महाराज ने सभी सुख सुविधाएं त्याग रखी थी। पिछले 40 वर्षों से वह श्री राम मंदिर के लिए पैसा बचाते आ रहे हैं। गुफा रूपी आश्रम में इन वर्षों में कई श्रद्धालु आए, दान और चढ़ावा देकर गए। टाट वाले बाबा मंदिर के लिए धन संग्रह करते रहे। आज जब अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है, तो उन्होंने उचित अवसर पाकर एक करोड़ रूपये समर्पण निधि में दिया है। इस अवसर पर स्टेट बैंक के मैनेजर विक्रम नेगी तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य रीतेंद्र चौहान मौजूद थे।
0 Comments