भाजपा नेता मिनाक्षी लेखी ने कहा कि ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट से जिस षड्यंत्र का हमें हमेशा अंदेशा था, उसका सबूत अब सामने आ गया है कि किस तरह से षड्यंत्र चल रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रेटा थनबर्ग एक बच्ची है अगर मेरे हाथ में होता तो मैं उसे बाल पुरस्कार देती। उसका नाम नोबेल प्राइज से हटा देती।
पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन की दिशा में काम करने वाली ग्रेटा थनबर्ग ने केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शनों के प्रति समर्थन व्यक्त किया था। थनबर्ग ने ट्वीट किया था, ‘हम भारत में किसानों के आंदोलन के प्रति एकजुट हैं.' इस पर भारत सरकार की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया दी गई थीं। बुधवार को भाजपा नेता मिनाक्षी लेखी ने कहा कि ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट से जिस षड्यंत्र का हमें हमेशा अंदेशा था, उसका सबूत अब सामने आ गया है कि किस तरह से षड्यंत्र चल रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रेटा थनबर्ग एक बच्ची है अगर मेरे हाथ में होता तो मैं उसे बाल पुरस्कार देती। उसका नाम नोबेल प्राइज से हटा देती।
उन्होंने कहा, 'नोबेल प्राइज वातावरण की सुरक्षा के लिए अच्छे कामों के लिए दिया जाता है लेकिन यहां तो जो लोग पराली जलाते हैं, वातावरण को प्रदूषित करते हैं, पानी का दुरुपयोग करते हैं, ग्रेटा थनबर्ग उनके साथ खड़ी हो गई है। यह दोहरा चेहरा इस पूरे कार्यक्रम का अब सामने आ गया है। थनबर्ग से पहले गायिका रिहाना ने एक खबर साझा की थी जिसमें कई क्षत्रों में इंटरनेट सेवा बंद करने और किसानों के खिलाफ केन्द्र की कार्रवाई का जिक्र किया गया था। रिहाना ने ट्वीट किया,‘‘ हम किसानों के आंदोलन के बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं?' इसके बाद की विदेशी सेलेब्स ने इस मुद्दे को लेकर ट्वीट किए थे।
हालांकि, इसके बाद भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इस पर एतराज जताया था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा था कि भारत को निशाना बनाने वाले प्रेरित अभियान कभी सफल नहीं होंगे।किसानों के प्रदर्शन का पॉप गायिका रिहाना और जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा समर्थन करने पर दिन में विदेश मंत्रालय की कड़ी प्रतिक्रिया आने के बाद जयशंकर ने यह टिप्पणी की थीं। जयशंकर ने हैशटैग ‘इंडिया टूगेदर' (भारत एकजुट है) और ‘इंडिया अगेनस्ट प्रोपगेंडा' (दुष्प्रचार के खिलाफ भारत) के साथ ट्वीट किया, ‘भारत को निशाना बनाने वाले प्रेरित अभियान कभी सफल नहीं होंगे।
0 Comments