केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश में ओटीटी पर दिखाई जाने वाली सामग्री के लिए स्वनियमन की बात की गई है लेकिन ये नियमन कैसे हो और इसका दायरा क्या हो इसको भी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है। मनोरंजन की दुनिया की दशा और दिशा दोनों बदल सकती है।
सरकार ने ओटीटी के लिए दिशा-निर्देश जारी करने में थोड़ी देरी अवश्य की, लेकिन अब जब यह जारी हो गया है तो उम्मीद की जानी चाहिए कि ओटीटी पर गाली गलौच नहीं होगी और अश्लीलता की सीमाएं भी नहीं टूटेंगीं। केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद और प्रकाश जावडेकर ने डिजिटल समाचार संगठनों और इंटरनेट मीडिया समेत ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रसारित जाने वाले कंटेंट को विनियमन के दायरे में लाने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।
पिछले कुछ वर्षो से कलात्मक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में ओटीटी प्लेटफॉर्म के माध्यम से निरंतर ऐसे कंटेंट प्रसारित किए जा रहे थे, जिन्हें हमारी संस्कृति और सामाजिक स्वरूप के लिहाज से सही नहीं कहा जा सकता। ऐसे में इस पर अंकुश लगाना जरूरी हो गया था।
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