उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को आवंटित पांच एकड़ भूमि के स्वामित्व पर दावा करते हुए, दिल्ली की रहने वाली दो बहनों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में याचिका दायर की है।
रानी कपूर उर्फ रानी बलूजा और रमा रानी पंजाबी ने याचिका में कहा है कि उनके पिता ज्ञान चंद्र पंजाबी 1947 में विभाजन के दौरान पंजाब से भारत आए थे और फैजाबाद (अब अयोध्या) जिले में बस गए थे। उन्होंने दावा किया है कि उनके पिता को नजूल विभाग द्वारा धन्नीपुर गांव में 28 एकड़ जमीन पांच साल के लिए आवंटित की गई थी, जो उस अवधि से भी अधिक समय तक उनके पास थी। याचिककर्ताओं ने कहा कि बाद में, उनका नाम राजस्व रिकॉर्ड में शामिल किया गया था। हालांकि, उनके नाम को रिकॉर्ड से हटा दिया गया था, जिसके बाद उनके पिता ने अतिरिक्त आयुक्त, अयोध्या के समक्ष अपील दायर की थी।
सुन्नी वक्फ बोर्ड के फैसले पर लगे रोक
याचिकाकर्ताओं ने आगे दावा किया कि समेकन अधिकारी ने सुनवाई के दौरान पिता का नाम फिर से रिकॉर्ड से हटा दिया। बहनों ने कहा कि समेकन अधिकारी के आदेश के खिलाफ, समेकन के लिए निपटान अधिकारी, सदर, अयोध्या के समक्ष अपील दायर की गई थी लेकिन उक्त याचिका पर विचार किए बिना अधिकारियों ने निर्माण के लिए वक्फ बोर्ड को उनकी 28 एकड़ जमीन में से पांच-एकड़ जमीन आवंटित कर दी। याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि अधिकारियों को निपटान अधिकारी के समक्ष विवाद के लंबित रहने तक सुन्नी वक्फ बोर्ड को जमीन हस्तांतरित करने से रोक दिया जाए। बता दें, राज्य सरकार ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश केअनुसार मस्जिद के निर्माण के लिए धन्नीपुर गांव में सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन आवंटित की है।
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