वन विभाग ने आपदा प्रभावित गांव रैणी का विकास अपने स्तर से करने का फैसला किया है। वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने कहा कि वन पंचायतों और अन्य तरीके से गांव के लोगों की मदद की जाएगी।
वन विभाग ने आपदा प्रभावित गांव रैणी का विकास अपने स्तर से करने का फैसला किया है। वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने कहा कि वन पंचायतों और अन्य तरीके से गांव के लोगों की मदद की जाएगी। वन विभाग को गांव के विकास के लिए कार्य योजना तैयार करने को कहा गया है। वन मुख्यालय में वन संरक्षकों की कॉन्फ्रेंस में वन मंत्री हरक सिंह ने इस मामले को लेकर अधिकारियों से बात की।
वन मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि गौरा देवी का गांव रैणी चमोली की नीति घाटी में आई आपदा से प्रभावित हुआ है। गौरा देवी चिपको आंदोलन के लिए जानी जाती हैं और रैणी गांव से पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी उत्तराखंड में फैला। वन मंत्री के मुताबिक इसी को देखते हुए वन विभाग ने रैणी गांव के विकास के लिए हर संभव कोशिश करने का फैसला किया है। इसके लिए अधिकारियों को कार्य योजना बनाने को कहा गया है। वन मंत्री के मुताबिक रैणी गांव के विकास का पर्यावरण सम्मत तरीके से होगा। इसके लिए वन पंचायतों के स्तर से फंड की व्यवस्था भी की जाएगी। इस गांव को मॉडल पर्यावरणीय गांव के रूप में विकसित किया जाएगा। रोजगार के अलावा अगर कोई और जरूरत गांव के लोग महसूस करते हैं तो वन विभाग इसमें पूरी मदद करेगा। वन विभाग अपने संसाधनों से इस काम को करेगा।
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