उत्तराखंड की राजनीति में हलचल, देहरादून में भाजपा कोर ग्रुप की बैठक शुरू

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कोर ग्रुप की बैठक आज आयोजित होगी। वरिष्ठ भाजपा नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह पर्यवेक्षक के रूप में बैठक में शामिल हो रहे हैं।


उत्तराखंड की राजनीति में हलचल पैदा हो गई। आज बीजापुर गेस्ट हाउस में भाजपा कोर कमेटी की बैठक शुरू हो गई है। इसमें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर्यवेक्षक रमन सिंह, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल, महामंत्री संगठन अजय कुमार और कबीना मंत्री धन सिंह रावत मौजूद हैं। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में चल रहे विधान सभा सत्र से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी देहरादून पहुंचे। बता दें कि प्रदेश भाजपा कोर ग्रुप की बैठक को लेकर तरह-तरह की अटकलें हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कोर ग्रुप की बैठक बैठक शुरू हो गई है। वरिष्ठ भाजपा नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह पर्यवेक्षक के रूप में बैठक में शामिल हो रहे हैं। दून स्थित बीजापुर गेस्ट हाउस पहुंचने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने उनका स्वागत किया। वहीं, सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, अजय भट्ट, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल भी बीजापुर गेस्ट हाउस पहुंच गए हैं।

इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे, जहां से बीजापुर गेस्ट हाउस के लिए रवाना हुए। उनके साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता भी शामिल रहे। 

माना जा रहा है कि इस महीने में त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। कई बड़े नेता त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए राजनीतिक लॉबिंग में जुटे हैं और इस महीने में त्रिवेंद्र सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को देखते में मंत्री बनने की जोड़तोड़ में लगे हैं।

प्रदेश में लंबे समय से मंत्रिमंडल विस्तार प्रस्तावित है। मंत्रिमंडल गठन के समय से ही मंत्रियों के दो पद खाली चल रहे थे। पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद मंत्रियों के खाली पदों की संख्या बढ़कर तीन हो गई। भाजपा कोर कमेटी की बैठक में कैबिनेट विस्तार मुख्यमंत्री के विवेक पर छोड़ दिया।

माना जा रहा है कि त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल में तीन नए चेहरे शामिल होंगे। मंत्रियों के विभागों में फेरबदल भी होगा। तीन नए चेहरों को शामिल करने में वरिष्ठता, क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों को ध्यान में रखा जाएगा।

चुनावी साल में मुख्यमंत्री अपने विभागों की जिम्मेदारी को मंत्रियों में बांटेंगे। उनके पास वर्तमान कई विभागों की जिम्मेदारी है। चुनावी साल में उन्हें पूरे प्रदेश के दौरे करने हैं। इसलिए वह अपने विभागों का बंटवारा मंत्रियों के मध्य कर देंगे।

Post a Comment

0 Comments