पौड़ी गढ़वाल : कोटद्वार का नाम बदला, अब कण्वनगरी के नाम से जाना जाएगा कोटद्वार, सीएम रावत ने दी मंजूरी

पौड़ी गढ़वाल के सबसे महत्वपूर्ण शहर और गढ़द्वार के नाम से जाना जाने वाला कोटद्वार का नाम अब बदल दिया है। प्रवेशद्वार कोटद्वार का नाम अब कण्वनगरी कोटद्वार होगा। 


उत्तराखंड : जनपद पौड़ी गढ़वाल के सबसे महत्वपूर्ण शहर और गढ़द्वार के नाम से जाना जाने वाला कोटद्वार का नाम अब बदल दिया है। कोटद्वार को नाम लंबे समय से कण्व ऋषि के नाम से करने की मांग कर रहे थे, लेकिन आज तक नाम को नहीं बदला जा सका था। 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसकी घोषणा की थी, जिसके बाद अब कोटद्वार का नाम बदल दिया गया है। पौड़ी गढ़वाल जिले के प्रवेशद्वार कोटद्वार का नाम अब कण्वनगरी कोटद्वार होगा। 

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जानकारी मुताबिक़, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोटद्वार नगर निगम का नाम महर्षि कण्व के नाम पर रखने को स्वीकृति प्रदान कर दी है। कोटद्वार शहर की पहचान महर्षि कण्व की तपस्थली और भारत के नामदेय चक्रवर्ती सम्राट भरत की जन्मस्थली कण्वाश्रम से भी है। 

यह स्थली कोटद्वार नगर निगम मुख्यालय से करीब 14 किमी के फासले पर है। पूर्व में कोटद्वार नगर निगम ने कण्वाश्रम से लगे कलालघाटी का नाम कण्वघाटी के नाम पर रखने का प्रस्ताव भेजा था।

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प्राचीन काल में कोटद्वार में कण्व ऋषि का आश्रम होता था। ये उच्च शिक्षा का प्रमुख केंद्र हुआ करता था। देश के कई हिस्सों से छात्र यहां आश्रम में वेद और पुराणों की शिक्षा लेने आते थे। वेद-पुराणों के अलावा ये आश्रम ज्योतिष, कर्मकांड और आयुर्वेद की शिक्षा का प्रमुख केंद्र हुआ करता था। इसी आश्रम में हस्तिनापुर के राजा दुष्यंत और शकुंतला को विवाह के बाद पुत्र प्राप्त हुआ था। इन्हीं राजा भरत के नाम पर हमारे देश का नाम आगे जाकर भारत पड़ा।

कोटद्वार के पास बहने वाली मालिनी नदी का जिक्र भी पौराणिक साहित्य में मिलता है। महाकवि कालिदास द्वारा रचित अभिज्ञान शाकुन्तलम में भी कण्वाश्रम और उसके आस पास के इलाकों का उल्लेख मिलता है। आधुनिक कोटद्वार 1890 के आसपास अस्तित्व में आया, जब अंग्रेजों ने इस क्षेत्र में रेल लाइन के लिए सर्वे किया। 1900 के आसपास रेल लाइन बन जाने से यहां आबादी बढ़ने लगी। अब कोटद्वार एक नगर निगम है।

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पहले कलालघाटी का भी बदला गया नाम 

पौड़ी गढ़वाल जिले के प्रवेश द्वार कोटद्वार स्थित कलालघाटी का भी नाम बदला गया है। उसे अब कण्वघाटी के नाम से जानी जा रहा है। कोटद्वार नगर निगम ने कलालघाटी का नाम बदलकर कण्वघाटी करने के शासन को प्रस्ताव भेजा था, जिसपर पिछले साल दिसंबर में मुहर लगाई थी। 

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