उत्तराखंड में बड़े स्तर पर चल रहे पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन के बीच सरकार ने एक कदम बढ़ाया है। इसके तहत एक अक्तूबर 2005 से पूर्व नियुक्त कार्मिकों को पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाएगा।
उत्तराखंड में बड़े स्तर पर चल रहे पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन के बीच सरकार ने एक कदम बढ़ाया है। इसके तहत एक अक्तूबर 2005 से पूर्व नियुक्त कार्मिकों को पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाएगा। पुरानी पेंशन के लिए आंदोलन कर रहे संगठनों ने सरकार के इस कदम की सराहना करते हुए एक अक्तूबर 2005 के बाद के सभी कर्मचारियों के लिए भी पुरानी पेंशन बहाली की मांग की है। बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में एक अक्तूबर 2005 से पूर्व नियुक्त कार्मिकों की सेवनिवृत्ति के बाद पेंशन देने के लिए उत्तराखंड पेंशन हेतु अर्हकारी सेवा तथा विधिमान्यकरण अधिनियम 2021 को लागू करने पर विचार किया गया।
इसके लिए कैबिनेट ने हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में उप समिति बनाई है। इस उपसमिति में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक और सुबोध उनियाल सदस्य की भूमिका में होंगे। इसके अलावा सरकार ने राजस्व परिषद के तहत एक नि:संवर्गीय सदस्य न्यायिक पद का वेतन 37400-6400 ग्रेड पे-8700 के सृजन पर मुहर लगाई और आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद के पूर्व के सृजित पद को सदस्य न्यायिक के कार्य दायित्वों से स्वतंत्र करने की भी मंजूरी दी।राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने कैबिनेट के माध्यम से पुरानी पेंशन को लेकर एक उप समिति का गठन किया है। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा इसका स्वागत करता है। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही उप समिति के सदस्य एनपीएस कर्मीयों की पीड़ा को समझते हुए पुरानी पेंशन बहाली के लिए अपनी रिपोर्ट कार्मिक हितों में देंगें।
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