कोरोना कहर : दूसरी लहर में उत्तराखंड पुलिस के 684 जवान संक्रमित, एक महिला पुलिसकर्मी की हालत गंभीर

कोरोना संक्रमण से जारी जंग में फ्रंट लाइन में सीधी लड़ाई लड़ रहे और जनता से नियमों का पालन करा रहे उत्तराखंड पुलिस के 684 पुलिस अधिकारी व कर्मचारी भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं। 


उत्तराखंड :
कोरोना संक्रमण के खिलाफ जारी जंग में अग्रिम मोर्चे पर लड़ाई लड़ रही, साथ ही कोरोना संक्रमण से जारी जंग में फ्रंट लाइन में सीधी लड़ाई लड़ रहे और जनता से नियमों का पालन करा रहे उत्तराखंड पुलिस के 684 पुलिस अधिकारी व कर्मचारी भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं। 

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जानकारी मुताबिक़, इनमें से 10 अधिकारी एसपी रैंक के भी शामिल हैं। संक्रमित हुए पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों में 64 ऐसे हैं, जोकि कुंभ ड्यूटी करके आए हैं। अच्छी बात यह है कि सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने टीके की डबल डोज लगाई हुई थी, जिसके कारण किसी को भी हॉस्पिटलाइज्ड नहीं होना पड़ा है। एकमात्र महिला पुलिसकर्मी की तबीयत खराब बताई जा रही है। गर्भवती होने के कारण उन्हें टीका नहीं लग पाया था।

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प्राप्त जानकारी अनुसार, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि वर्तमान में अब तक 90 फीसदी पुलिसकर्मियों को डबल वैक्सीन लग चुकी है। अब सिर्फ बीमार पुलिसकर्मियों को ही टीका नहीं लग पाया है। इस कारण कोविड की दूसरी लहर के बीच पुलिस फोर्स काफी हद तक सुरक्षित है। इसलिए टीकाकरण बहुत जरूरी है। 

डीजीपी ने बताया कि यदि आपको टीका लगाया जाता है, और फिर भी संक्रमण हो जाता है, तो टीकाकरण से बनी एंटीबॉडी आपको इससे लड़ने में मदद करेंगी। कोरोना का टीका लगाने में संकोच नहीं करें और जब आपकी बारी आए तो केंद्र पर जाकर टीका जरूर लगवाएं।

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उन्होंने बताया कि वर्तमान में हमारे 90 फीसदी पुलिसकर्मियों को टीके की दोनों खुराकें लग चुकी हैं। अब सिर्फ बीमार पुलिसकर्मियों को ही टीका नहीं लग पाया है। इस कारण कोविड की दूसरी लहर के बीच पुलिस फोर्स काफी हद तक सुरक्षित है।'' उन्होंने कहा कि टीकाकरण से पूर्व कोरोना वायरस की पहली लहर में पुलिस के कुल 1981 जवान संक्रमित हुए थे। इनमें से 100 से अधिक जवानों को अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ा था और सात जवानों की मृत्यु हुई थी।

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