उत्तराखंड : आईएमए ने दी चुनौती, कोरोना की तीसरी लहर में बाबा रामदेव संभाले स्वास्थ्य सेवाओं का जिम्मा, पढ़े पूरा मामला

कोरोना की तीसरी लहर में बाबा रामदेव स्वास्थ्य सेवाओं का जिम्मा संभालें। मरीजों का योग और आयुर्वेद के जरिये उपचार किया जाए।


उत्तराखंड : कोरोना की तीसरी लहर में बाबा रामदेव स्वास्थ्य सेवाओं का जिम्मा संभालें। मरीजों का योग और आयुर्वेद के जरिये उपचार किया जाए। आईएमए के प्रदेश सचिव डॉ. अजय खन्ना ने बाबा रामदेव और स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर यह बात कही है। 

उन्होंने कहा कि अगर बाबा ऐसा करने में असमर्थ हैं, तो हमें समय से बता दें। बाबा रामदेव और आईएमए के बीच लगातार बयानबाजी का दौर जारी है। शनिवार को सोशल मीडिया पर इस तरह के मैसेज वायरल हुए कि आईएमए ने बाबा के खिलाफ दर्ज एफआईआर और मानहानि का दावा वापस लेने का फैसला लिया है। आईएमए उत्तराखंड ने इसका खंडन किया है।

डॉ. अजय खन्ना ने कहा कि बाबा रामदेव के खिलाफ एफआईआर और मानहानि का दावा वापस नहीं लिया गया है। सोशल मीडिया पर तैर रहे इस तरह के मैसेज पूरी तरह गलत हैं। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव खुद ही ऐसी बातें फैला रहे हैं। 

डॉ. खन्ना ने बताया कि उन्होंने बाबा को पत्र लिखा है कि कोरोना की तीसरी लहर में वे पूरे हेल्थ सिस्टम को संभालें। आयुर्वेद और योग के जरिये मरीजों का उपचार किया जाए। हम स्वास्थ्य विभाग को भी लिख रहे हैं कि बाबा से लोगों का उपचार करवाया जाए। हम भी उनका सहयोग करेंगे। अगर तैयार हैं तो बताएं। अगर नहीं है तो हमें बता दें ताकि हम समय से लोगों की जान बचाने का इंतजाम कर सकें।

आईएमए ने दी बाबा रामेदव को बहस की चुनौती..

एलोपैथी के खिलाफ विवादित बयान देने वाले योग गुरु रामदेव को भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए), उत्तराखंड ने खुली बहस की चुनौती दी है। आईएमए, उत्तराखंड के अध्यक्ष डॉ. अजय खन्ना ने रामदेव को एक पत्र लिखकर कहा है कि उनका बयान गैर जिम्मेदाराना और स्वार्थ से भरा हुआ है।

इसमें कहा गया है कि पतंजलि योगपीठ के पंजीकृत आयुर्वेदाचार्यों की एक टीम बनाएं, जो आईएमए के डॉक्टरों की टीम से आमने-सामने बैठकर बहस करेंगे। यह भी कहा गया है कि रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण भी आयुर्वेदाचार्यों की टीम में शामिल हो सकते हैं, मगर सिर्फ दर्शक की भूमिका में, क्योंकि इन दोनों ने अपनी डिग्रियां आईएमए को नहीं भेजी हैं।

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