गैरसेणं क्षेत्र में एक व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होने पर उसे स्ट्रेचर के सहारे 6 किलोमीटर की दूरी तय करके सीएचसी गैरसेंण पहुंचाया गया। गैरसैण की स्यूंणी मल्ली गांव के 45 वर्षीय व्यक्ति दिल्ली से अपने गांव आया था।
उत्तराखंड : प्रदेश की गैरसेणं क्षेत्र में एक व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होने पर उसे स्ट्रेचर के सहारे 6 किलोमीटर की दूरी तय करके सीएचसी गैरसेंण पहुंचाया गया।
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गैरसैण की स्यूंणी मल्ली गांव के 45 वर्षीय व्यक्ति दिल्ली से अपने गांव आया था। कुछ दिनों बाद उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी। सांस लेने में परेशानी के कारण व्यक्ति को स्पाइडर के सहारे सीएचसी गौरसेंण पहुँचाया गया। ऑक्सीजन लेवल कम होने पर मरीज को गोपेश्वर रेफर कर दिया गया।
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ग्रामप्रधान धीरज सिंह ने बताया कि संक्रमित व्यक्ति तीन दिन पूर्व दिल्ली से अपने गांव आया था। कोरोना जांच में पॉजिटिव आने पर उसे होम आइसोलेट कर दिया गया था, लेकिन अचानक उसे सांस लेने में परेशानी होने लगी। गांव में कोई अस्पताल न होने पर उन्होंने इसकी सूचना नायब तहसीलदार राकेश पल्लव को दी। सूचना पर फार्मेसिस्ट महेश उप्रेती, दो होमगार्ड के सिपाही व दो पीआरडी के जवान स्ट्रेचर लेकर छह किमी पैदल खड़ी चढ़ाई पार कर स्यूंणी गांव पहुंचे।
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वहां से संक्रमित को आगरचट्टी तक लाए और एंबुलेंस के माध्यम से गैरसैंण सीएचसी पहुंचाया। डॉ. अनीता ने कहा कि संक्रमित का ऑक्सीजन लेवल कम होने से उसे सांस लेने में परेशानी हो रही थी। इस पर उसे हायर सेंटर गोपेश्वर रेफर कर दिया गया। इस दौरान सुरेंद्र सिंह, मोहन रावत व सुनीता देवी मौजूद रही।
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