देहरादून-मसूरी एरियल पैसेंजर रोपवे को मिली केंद्र की मंजूरी, सफर होगा सिर्फ 20 मिनट, सीएम तीरथ सिंह रावत ने जताया पीएम का आभार....
उत्तराखंड : गुरुवार को भारत सरकार की कैबिनेट मीटिंग में देहरादून-मसूरी के बीच एरियल पैसेंजर रोपवे सिस्टम के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की मसूरी में 1500 वर्ग मीटर भूमि को बाज़ार दरों पर उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित मंजूरी दिया है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह व केन्द्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल का आभार व्यक्त किया।
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जानकारी मुताबिक़, मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है। राज्य के विकास में उनका मार्गदर्शन और सहयोग हमेशा मिलता है। इस रोपवे के बनने के बाद राज्य के पर्यटन पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। पर्यटकों को बड़ी सुविधा मिलेगी। यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का एक बड़ा केंद्र होगा और इससे राज्य के विकास को भी गति मिलेगी।
देहरादून दून और मसूरी के बीच बनने वाला रोपवे दोनों शहरों के लिए रोमांच और पर्यटन की नई संभावनाओं के द्वार खोलने वाला साबित होगा। इसके निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर ढांचागत विकास होगा, जिससे मौजूदा क्षेत्रों की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी। दून में मसूरी रोड से पुरकुल तक का इलाका नए सिरे से विकसित होगा। साथ ही मसूरी में भी इससे जुड़े कई विकास कार्य होंगे, जिसका पर्यटकों और स्थानीय लोगों को लाभ मिलेगा।
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अभी मसूरी की सबसे बड़ी समस्या पर्यटन सीजन के दौरान लगने वाला जाम और वाहनों की पार्किंग की कमी है। रोपवे बनने के बादइन दोनों से छुटकारा मिल सकता है। लाइब्रेरी चौक पर रोपवे का स्टेशन होगा, जहां पर पर्यटक चढ़ेंगे और उतरेंगे। ऐसे में इस पूरे इलाके में बड़े पैमाने पर ढांचागत निर्माण होगा। इसी तरह, मसूरी रोड से पुरकुल को जोड़ने वाले इलाके की सड़कों को बेहतर किया जाएगा।
जानकारी अनुसार, केंद्रीय कैबिनेट बैठक में देहरादून-मसूरी के बीच 5580 मीटर लंबे एरियल पैसेंजर रोपवे सिस्टम के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की मसूरी में 1500 वर्ग मीटर भूमि को बाजार दरों पर उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसपर केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
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आपको बता दें, केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ने कहा कि भारत सरकार की इस परियोजना को पीपीपी मोड के तहत विकसित किया जाएगा। इसके लोअर टर्मिनल की ऊँचाई 958.20 मीटर होगी। अपर टर्मिनल स्टेशन की ऊँचाई 1996 मीटर है। 258 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस रोपवे की यात्री वहन क्षमता एक तरफ से 1000 यात्री प्रति घंटा है। इस रोपवे के बनने के बाद राज्य के पर्यटन पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का एक बड़ा केंद्र होगा और इससे राज्य के विकास को भी गति मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस परियोजना की मदद से हम उत्तराखंड में बढ़ते प्रदूषण को भी रोक सकेंगे। उन्होनें कहा, “मैं प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने इस परियोजना के लिए आईटीबीपी की जमीन के हस्तांतरण को समय पर मंजूरी दे दी। इससे इस परियोजना को जल्दी खत्म करने में काफी मदद मिलेगी।”
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