उत्तराखंड में रविवार देर रात करीब साढ़े 12 बजे भूकंप के झटेके महूसस किए गए। लोग खौफ से घरों से बाहर आ गए।
देवभूमि उत्तराखंड के अधिकतर इलाकों में रविवार देर रात करीब साढ़े 12 बजे भूकंप के झटेके महूसस किए गए। लोग खौफ से घरों से बाहर आ गए। हालांकि भूकंप से किसी नुकसान की सूचना नहीं है। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के मुताबिक भूकंप की तीव्रता 4.3 थी। फिलहाल भूकंप से किसी तरह के जानमाल की नुकसान की कोई जानकारी नहीं मिली।
जानकारी मुताबिक़, मौसम विज्ञान केंद्र ने भी भूकंप की पुष्टि करते हुए बताया कि इसका केंद्र चमोली जिले में रहा। साथ ही रेक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता करीब 4.3 दर्ज की गई। हरिद्वार, टिहरी और ऋषिकेश में इसके झटके महसूस किए गए। हालांकि, देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में यह झटके मामूली रहे।
इससे पहले उत्तराखंड में 12 फरवरी की रात को भूकंप के झटकों ने उत्तराखंड की धरती को हिला दिया था। प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे। लोग अपने घरों से बाहर आ गए थे। हालांकि, भूकंप का केंद्र ताजिकिस्तान था। जहां भूकंप की तीव्रता 6.3 आंकी गई थी।
जानिए क्यों आता है भूकंप
आपको पता होगा कि धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है। इसमें इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट शामिल है। क्रस्ट और ऊपरी मैंटल को लिथोस्फेयर कहते हैं। यह 50 किमी की मोटी परत है। इन्हें ही टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है। यह टैकटोनिक प्लेट्स हमेशा अपनी जगह से हिलती रहती हैं। जब ये बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप आ जाता है।
कैसे बचे भूकंप आने पर
-भूकंप आने पर खुले मैदान में आ जाएं।
-किसी भी बिल्डिंग के आसपास न खड़े हों।
-लिफ्ट का प्रयोग न करें, सीढ़ियों का प्रयोग करें।
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