आपरेटर्ज़ की तरफ़ से गढ़वाल मंडल विकास निगम टिकटों की बिक्री करता है। वहीं अब GMVN प्रबंधन की तरफ़ से MD डॉ. आशीष चौहान ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए सभी रद्द हुई Bookings का पैसा तत्काल लौटाने के निर्देश सम्बंधित बैंक अधिकारी को दिए है।
उत्तराखंड : प्रदेश में कोरोना महामारी के चलते आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। इसके चलते देश भर के कई राज्यों में लॉकडाउन और नाईट कर्फ्यू भी लगा हुआ है। इसके अलावा कोरोना के चलते ऐसी सभी गतिविधियां पर रोक लगाई जा रही हैं जिसमें अधिक से अधिक लोगों के जुटने की संभावना हो।
बीते कई दिनों पहले उत्तराखंड सरकार ने इस साल होने वाली चार धाम यात्रा को रद्द करने का फैसला किया। उत्तराखंड सरकार द्वारा लिए गए फैसले के मुताबिक चार धाम यात्रा को रद्द किया गया है और बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में स्थित मंदिरों के पुरोहितों को ही अनुष्ठान और पूजा करने की अनुमति रहेगी। चार धाम यात्रा अगले महीने मई से शुरू होने वाली थी।
जानकारी मुताबिक़, ऐसे में एक बड़ी ख़बर सामने आई है। जब अब यात्री केदारनाथ के दर्शन नहीं कर पाएंगे तो टिकट का क्या होगा, इस लिए सभी यात्री टिकट की Booking कैंसिल कर रहे है। लेकिन आपको बता दें, चारधाम यात्रा 2021 के मुख्य स्थल केदारनाथ धाम के लिए 17 मई से होने वाली यात्रा को लेकर 02 अप्रैल से हेली सेवा की अड्वैन्स बुकिंग खोल दी गई थी। अब जब सरकार ने यात्रा को रद्द कर दिया है, ऐसे में बुकिंग भी कैन्सल होने लगी है।
आपको बता दें, दूसरी तरफ़ केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा देने वाले आपरेटर्ज़ की तरफ़ से गढ़वाल मंडल विकास निगम टिकटों की बिक्री करता है। वहीं अब GMVN प्रबंधन की तरफ़ से MD डॉ. आशीष चौहान ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए सभी रद्द हुई Bookings का पैसा तत्काल लौटाने के निर्देश सम्बंधित बैंक अधिकारी को दिए है।
जिसमें केवल 200/- processing fees को काटा जाएगा। GMVN प्रबंधन की माने तो कोरोना काल में किसी भी सूरत में फ़िलहाल यात्रा का संचालन नहीं हो सकता। ऐसे में जिन लोगों ने केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा के माध्यम से टिकट बुक कराई है। उन सभी का पैसा तत्काल रीफ़ंड करने के निर्देश बैंक अधिकारियों को दिए गए है।
वाहन से गौरीकुंड पहुंचेगी बाबा केदार की डोली
केदारनाथ की चल उत्सव विग्रह डोली कोरोना संक्रमण के कारण इस वर्ष भी 14 मई को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकोरश्वर मंदिर ऊखीमठ से गौरीकुंड सीधे वाहन से पहुंचेगी। यहां रात्रि विश्राम के बाद डोली 15 को धाम पहुंच जाएंगी। जहां दो दिन विश्राम के बाद 17 मई को धाम के कपाट खोले जाएंगे।
ओंकोरश्वर मंदिर परिसर में रावल भीमाशंकर लिंग की मौजूदगी में प्रशासन, देवस्थान बोर्ड, तीर्थपुरोहित समाज व हक-हकूकधारियों की बैठक आयोजित की गई। लगभग दो घंटे की मंत्रणा के बाद सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस वर्ष भी बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल से अपने धाम के लिए वाहन से प्रस्थान करते हुए सीधे गौरीकुंड पहुंचेगी।
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