टिकट निरस्त होने पर यात्रियों को लौटाया जाए पूरा पैसा : पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज

प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर विभिन्न राज्यों में हवाई व रेल यात्रा की टिकट निरस्त कराने वाले यात्रियों को किराये की पूरी राशि लौटाने पर जोर दिया है।


उत्तराखंड : प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर विभिन्न राज्यों में हवाई व रेल यात्रा की टिकट निरस्त कराने वाले यात्रियों को किराये की पूरी राशि लौटाने पर जोर दिया है। महाराज ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी और रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र भेजकर इस संबंध में अधिकारियों को निर्देशित करने का आग्रह किया है।

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जानकारी मुताबिक़, महाराज ने कहा कि हवाई सेवा प्रदान करने वाली कंपनियां टिकट निरस्त होने की दशा में यात्रियों को पूरा पैसा नहीं लौटा रही हैं। इसी तरह रेलवे भी यात्रियों को निरस्तीकरण शुल्क काटकर धनराशि लौटा रहा है। इससे यात्रियों को आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने आग्रह किया है कि कोरोना संकट को देखते हुए यात्रियों को निरस्त टिकट की पूरी राशि लौटाई जानी चाहिए।

सिर्फ प्रक्रियागत शुल्क ही काटा जा रहा

पर्यटन मंत्री महाराज ने बताया कि राज्य में केदारनाथ धाम की हेली सेवा की अग्रिम बुकिंग को निरस्त करते हुए गढ़वाल मंडल विकास निगम प्रोसेसिंग फीस को छोड़कर पूरी राशि वापस लौटा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि जिन व्यक्तियों ने निगम के पर्यटक आवास गृह बुक कराए हैं और वे रिफंड वापस नहीं लेते हैं तो अगले दो वर्ष में कभी भी बुकिंग करा सकते हैं। जो पर्यटक पैसा वापस मांग रहे हैं, उनके रिफंड में 25 फीसद कटौती की जाएगी, लेकिन जब वे अगली बुकिंग कराएंगे तो उन्हेंं 25 फीसद की छूट दी जाएगी।


साथ ही उन्होंने कहा है कि केदारनाथ धाम की हैली सेवा की अग्रिम बुकिंग को निरस्त करके (प्रोसेसिंग फीस 200 रुपए प्रति यात्री को छोड़कर) संपूर्ण धनराशि यात्रियों लौटाई जाएगी। इस निर्णय का मैं स्वागत करता हूं। जिन पर्यटकों ने टी. आर. एच. बुक कराए हैं, वे दो वर्ष की अवधि में कभी भी यहां आ सकते हैं। जो पर्यटक अपनी बुकिंग का पैसा वापस मांग रहे हैं, उसमें 25 प्रतिशत कटौती करके अगली बुकिंग में 25 फीसदी की छूट दी जाएगी। इन प्रयासों से यात्रियों को आर्थिक हानि नहीं होगी ।


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