कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए प्रदेश सरकार ने हाई स्कूल की परीक्षा पहले ही रद्द कर दी थी वही 12वीं की परीक्षाओं को लेकर आज राज्य के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने अधिकारियों के साथ बैठक कर विचार विमर्श किया।
उत्तराखंड बोर्ड के 12वीं के छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। उत्तराखंड बोर्ड की 12वीं की परीक्षा अगले माह जून के आखिर या जुलाई माह के पहले हफ्ते में हो सकती है। प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय परीक्षा के संबंध में अंतिम फैसला हर हालत में एक जून तक करने के निर्देश दिए हैं।
जानकारी मुताबिक़, बता दें, प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय का कहना है, कि परीक्षा पुराने प्रचलित पैटर्न पर कराई जाए या प्रतियोगी परीक्षा के बहुविकल्पीय प्रश्नों के पैटर्न को अपनाया जाए, इस पर विभिन्न पक्षों को ध्यान में रखकर हफ्ते के भीतर फैसला लिया जाएगा।
जानकारी मुताबिक़, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय की अध्यक्षता में विधानसभा में सोमवार को विभागीय अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में उत्तराखंड बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षा के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। यह सहमति बनी कि कोरोना काल में छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर परीक्षा कराई जाएगी।
परीक्षा के लिए और 500 केंद्र बढ़ाए जाएंगे, ताकि सुरक्षित शारीरिक दूरी समेत कोविड सुरक्षा प्रोटोकाल का पूरी तरह पालन किया जा सके। इंटर की परीक्षा में एक लाख से ज्यादा परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। बोर्ड ने परीक्षा के लिए 1350 परीक्षा केंद्र तय किए हैं। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने बताया कि परीक्षा के पुराने और नए पैटर्न पर विचार किया गया।
बीते रोज इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के साथ भी मंथन हुआ था। पुराने पैटर्न की स्थिति में परीक्षा केंद्रों से लेकर मूल्यांकन की व्यवस्था में विस्तार करने की आवश्यकता होगी। वहीं नए बहुविकल्पीय प्रश्नों के पैटर्न पर भी विभाग से नजरिया स्पष्ट करने को कहा गया है। नए पैटर्न में प्रश्नपत्र की अवधि तीन घंटे से घटकर 1.30 घंटा हो सकती है। इसमें जवाब प्रतियोगी परीक्षा की तर्ज पर ओएमआर शीट पर देने की व्यवस्था की जा सकती है।
उत्तराखण्ड प्रदेश में 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के संचालन सुनिश्चित करने हेतु प्रदेश शिक्षा विभाग के सचिव एवं अधिकारियों के साथ बैठक की। pic.twitter.com/DtvlEx8EZd
— Arvind Pandey (@TheArvindPandey) May 24, 2021
शिक्षा मंत्री ने बताया कि इससे मूल्यांकन में आसानी रहेगी। दोनों ही विकल्पों के लाभ और हानि को ध्यान में रखकर फैसला लिया जाएगा। परीक्षा से जुड़े तमाम बिंदुओं पर कोविड-19 के हालात देखते हुए एक जून तक प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश शिक्षा सचिव को दिए गए हैं।
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परीक्षा अगले माह जून के आखिर या जुलाई माह के पहले हफ्ते में कराने पर विचार करने को कहा गया है। शिक्षकों के टीकाकरण पर होगा विचार उन्होंने कहा कि परीक्षा और मूल्यांकन में छात्र-छात्राओं व शिक्षकों की सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा। मूल्यांकन के लिए जरूरत पड़ी तो संबंधित शिक्षकों के टीकाकरण की व्यवस्था कराई जा सकती है। इस बारे में वह मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात कर चर्चा करेंगे। बैठक में शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, अपर शिक्षा निदेशक वंदना गर्ब्याल समेत कई अधिकारी मौजूद थे।
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