गढ़वाल निवासी श्रीनगर के प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ. शिव प्रसाद नैथानी ने भक्तियाना स्थित अपने आवास में अंतिम सांस ली. डॉ. शिव प्रसाद नैथानी कुछ समय से बीमार चल रहे थे।
पौड़ी गढ़वाल : गढ़वाल निवासी श्रीनगर के प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ. शिव प्रसाद नैथानी ने भक्तियाना स्थित अपने आवास में अंतिम सांस ली. डॉ. शिव प्रसाद नैथानी कुछ समय से बीमार चल रहे थे। वहीं कुछ दिन पहले उनके बेटे की कोरोना से मौत हुई थी। डॉ. शिव प्रसाद नैथानी 87 साल के थे।
जानकारी मुताबिक़, इतिहासकार डॉ. शिव प्रसाद नैथानी का जन्म 1 जनवरी 1934 को पौड़ी जनपद के बिलखेत में हुआ था। आगरा विवि में एमए करने के बाद नैथानी ने गढ़वाल विवि से डी फिल की उपाधि ग्रहण की। इसके बाद 1954 में डॉ. नैथानी ने जीआईसी श्रीनगर के प्रवक्ता पद पर तैनाती दी। 1977 से 1994 तक नैथानी गढ़वाल विवि में अध्यापक भी रहे।
प्रसिद्ध इतिहासकार डा. शिवप्रसाद नैथानी के निधन पर राज्य मंत्री डा. धन सिंह रावत सहित भाजपा कार्यर्ताओं व आखर समिति ने गहरा शोक व्यक्त किया। बुधवार को सुबह राज्य मंत्री डा. रावत शोक संतप्त परिवार को मिलने भी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने डा. नैथानी के निधन को अर्पूणनीय क्षति बताया।
आपको बता दें, दूसरी ओर आखर समिति के अध्यक्ष संदीप रावत ने कहा कि हम सभी ने यहां के सांस्कृतिक इतिहास, पुरातत्व पर शोधपरक एवं वृहद लेखन करने वाला एक अमूल्य रत्न को खो दिया है। कहा डॉ. नैथानी ने उत्तराखंड के सांस्कृतिक इतिहास, यहां के मंदिर, पुरातत्व सबंधी लगभग 12 शोधपरक पुस्तकें लिखकर अपना अतुलनीय योगदान दिया है। कहा डा. नैथानी आखर समिति की स्थापना के समय से समिति के संरक्षक थे। शोक व्यक्त करने वालों में संदीप रावत, उमा घिल्डियाल, मुकेश काला, बबीता थपलियाल, प्रभाकर बाबुलकर, सुशील पोखरियाल, सौरभ बिष्ट, रेखा चमोली, आरती पुंडीर, संगीता फरासी आदि शामिल रहे।
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