उत्तराखंड : 110 साल की दादी अम्मा में युवाओं जैसा जोश, मुख्यमंत्री से मिलने की है चाहत

दुनिया में बहुत कम लोग ऐसे भाग्यशाली होते हैं, जिन्हें अच्छी सेहत, लंबी उम्र और खुशहाल जीवन मिलता है। भिटारकोट गांव की दादी अम्मा देवकी देवी इसकी मिसाल हैं।  


उत्तराखंड : जनपद बागेश्वर से एक बड़ी ख़बर सामने आई है। आपको बता दें, दुनिया में बहुत कम लोग ऐसे भाग्यशाली होते हैं, जिन्हें अच्छी सेहत, लंबी उम्र और खुशहाल जीवन मिलता है। भिटारकोट गांव की अम्मा देवकी देवी इसकी मिसाल हैं। 

जानकारी के मुताबिक़, Etv न्यूज़ पोर्टल अनुसार बता दें, 110 बसंत देख चुकी देवकी देवी पूरी तरह से स्वस्थ हैं। जीवन के प्रति उनका आशावादी रवैया, नियमित दिनचर्या, संयमित खानपान और अनुशासित जीवन उनकी लंबी उम्र का राज है। वह अपनी लंबी उम्र को भगवान का आशीर्वाद मानती हैं और नाती-पोतों की शादी और उनके बच्चों को गोद में खिलाने तक जीवित रहना चाहतीं हैं।

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जानकारी के मुताबिक़, देवकी देवी का जन्म वर्ष 1911 में गरुड़ विकासखंड के बाड़खेत गांव में हुआ था। उनका विवाह छोटी उम्र में थाकला ग्राम पंचायत के भिटारकोट तोक निवासी हरी दत्त के साथ हुआ था। उनकी तीन बेटियां हुईं, जिनके 12 बच्चे हैं. उनके पति ने दूसरा विवाह भी किया था, जिनसे तीन पुत्र हुए और इन तीनों के 7 बच्चे हैं. करीब 36 वर्ष पहले उनके पति का निधन हो गया। देवकी को अपने सभी 19 नाती-पोतों से बेहद लगाव है। वह अपने नाती-पोतों की शादी और उनके बच्चों को बड़ा होना देखना चाहती हैं।

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देवकी अम्मा के भतीजे शंभू दत्त कांडपाल ने बताया कि उन्हें मतदाता दिवस पर चार बार सम्मानित किया जा चुका है। प्रशासन के लोग घर आकर उन्हें शॉल ओढ़ाकर जाते हैं। गुजारे के लिए उन्हें वृद्धावस्था पेंशन मिलती है। देवकी देवी की दिनचर्या में कोई बदलाव नहीं आया है। इस उम्र में भी उनके दांत ठीक हैं। हालांकि आंखों पर चश्मा चढ़ गया है और सुनाई कुछ कम देता है। वह लाठी के सहारे आसानी से चल-फिर लेतीं हैं। करीब पांच महीने पहले वह पांच मील पैदल चलकर डाकखाने गई थी।

देवकी देवी की याददाश्त पूरी तरह से दुरुस्त है। उन्हें अंग्रेजी शासन की याद है। उस समय उनके मायके बाड़खेत में एक बंगला था, जहां अंग्रेज अफसर आकर रुकते थे। वह बतातीं हैं कि महात्मा गांधी एक जीप में बैठकर गागरीगोल आए थे। उस समय गाड़ी देखना ही बड़ी बात होती थी। बापू के आने पर आजादी की आस लगाए लोगों में नया जोश भर गया था। 

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आपको बता दें, देवकी देवी ने शुक्रवार को कोरोना टीके की पहली डोज लगाई है। गांव के दो बुजुर्गों के टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव गई थी। टीका लगाने के बाद वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं। देवकी देवी की इच्छा एक बार मुख्यमंत्री से मिलने की है। उन्हें लगता है कि सौ वर्ष पूरा करने वालों की पेंशन राशि समेत जरूरी सुविधाएं भी बढ़ाईं जानी चाहिए। कुछ दिन पूर्व मुख्यमंत्री के बागेश्वर आने पर उन्होंने अपने बच्चों से मुख्यमंत्री से मिलवाने को कहा था।

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