उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय से निश्शुल्क ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम किया जा सकता है। इसके लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस कोर्स के जरिये साइबर अपराध से बचने के तमाम तरीके से सीख सकते हैं।
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय से निश्शुल्क ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम किया जा सकता है। इसके लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस कोर्स के जरिये साइबर अपराध से बचने के तमाम तरीके से सीख सकते हैं। कोर्स कोर्डिनेटर डा. जितेंद्र पांडे ने बताया कि कोर्स का नर्माण कॉमनवेल्थ एजुकेशन मीडिया सेंटर फॉर एशिया के सहयोग से कंप्यूटर साइंस विभाग की ओर से किया जा रहा हे। डिजिटल फॉरेंसिक साइबर सिक्योरिटी व फॉरेंसिक विज्ञान की ही एक शाखा है।
यह कोर्स साइबर अपराध से संबंधित डिजिटल उपकरणों में मिली सामग्री की रिकवरी और इंवेस्टीगेशन पर आधारित है। डिजिटल फॉरेंसिक शब्द का इस्तेमाल पहली बार कंप्यूटर फोरेंसिक के पर्याय के रूप में किया गया था। तब से इसका विस्तार किसी भी डिवाइस की जांच को कवर करने के लिए किया गया है ,जो डिजिटल डेटा स्टोर कर सकता है।
इसमें कंप्यूटर सिस्टमए हार्ड ड्राइव, सीडी और अन्य स्टोरेज डिवाइस के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक डाक्यूमेंट्स, ईमेल और जेपीईजी इमेज जैसी फाइलें शामिल हैं। यूओयू के कुलपति प्रो. ओपीएस नेगी ने बताया डिजिटल फॉरेंसिकक विशेषज्ञों की बहुत डिमांड है। इन्हें कई संगठनों में काम करने का मौका मिल सकता है। इसमें सरकारी संस्थाएं, स्थानीय, राज्य व संघीय लेखा फर्म, कानून फर्म, बैंक और सॉफ्टवेयर विकास कंपनियां। खुद का व्यवसाय भी शुरू किया जा सकता है। स्थानीय जरूरतों के हिसाब से विश्वविद्यालय आगे भी इस तरह के काेर्स तैयार करते रहेगा।
कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम की समझ वाले भी लें सकते हैं प्रवेश....
डा. पांडे ने कहा कि कोई भी विद्यार्थी, जिसे कंप्यूटर एवं ऑपरेटिंग सिस्टम की बुनियादी समझ हो। वह इस प्रोग्राम में नामांकन कर सकता है। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम की अवधि 4 सप्ताह है। प्रत्येक सप्ताह एक लाइव सेशन आयोजित किया जायेगा जिसमें इस क्षेत्र के विशेषज्ञों को प्रतिभागियों की शंकाओं के निवारण के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इस प्रोग्राम से जानकारी के लिए विश्वविवद्यालय की वेबसाइट में जा सकते हैं।
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