प्रदेश के सभी 10 जिला सहकारी बैंकों और राज्य सहकारी बैंक में रिक्त चल रहे लिपिक संवर्ग से ऊपर के 380 पदों पर इसी वित्तीय वर्ष में नियुक्तियां की जाएंगी।
उत्तराखंड : प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बीच युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है। प्रदेश के सभी 10 जिला सहकारी बैंकों और राज्य सहकारी बैंक में रिक्त चल रहे लिपिक संवर्ग से ऊपर के 380 पदों पर इसी वित्तीय वर्ष में नियुक्तियां की जाएंगी।
बीते मंगलवार को हुई विभागीय समीक्षा बैठक में सहकारिता राज्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत की अध्यक्षता में यह निर्णय लिया गया। इन पदों के लिए तय किया गया कि इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन (आईबीपीएस) के माध्यम से परीक्षा कराई जाएगी। वर्ग चार और तीन के पदों पर नियुक्तियों के संबंध में बैंकों के बोर्ड निर्णय लेंगे।
विधानसभा स्थित कार्यालय में हुई समीक्षा बैठक में सहकारिता राज्यमंत्री डा. रावत ने कहा कि आइबीपीएस के माध्यम से पहले भी पारदर्शी तरीके से नियुक्तियां कराई गई थीं। अब फिर से उसे यह जिम्मा सौंपा जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में भी राज्य के सभी जिला सहकारी बैंक लाभ में हैं। उन्हें राष्ट्रीयकृत बैंकों से प्रतिस्पर्धा के लिए सुविधाएं बढ़ानी होंगी। इसी कड़ी में सहकारिता के तहत सभी पैक्स समितियों का कंप्यूटराइजेशन, जिला सहकारी बैंकों का अपना डाटा बैंक और सीबीएस सिस्टम पर फोकस किया गया है।
साथ ही राज्यभर में जिला सहकारी बैंकों की 72 नई शाखाएं खोलने और 100 एटीएम स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। डा.रावत के अनुसार जिला सहकारी बैंकों का डाटा सेंटर जल्द स्थापित करने के लिए टीसीआइएल को निर्देश दिए गए हैं, ताकि 15 जुलाई तक मुख्यमंत्री इसका उद्घाटन कर सकें। उन्होंने कहा कि डाटा सेंटर को आने वाले 20 वर्षों की क्षमता को देखकर बनाया जाएगा।
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