उत्तराखंड : स्वास्थ्य विभाग में फर्जी कोरोना जांच रिपोर्ट से मची खलबली, कई मामले आ चुके सामने

प्रदेश में कोरोना जांच रिपोर्ट के फर्जी मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। फर्जी जांच रिपोर्ट से  स्वास्थ्य विभाग काफी परेशान है। स्वास्थ्य विभाग में चारों ओर खलबली मची हुई है। 


उत्तराखंड : प्रदेश में कोरोना जांच रिपोर्ट के फर्जी मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। फर्जी जांच रिपोर्ट से  स्वास्थ्य विभाग काफी परेशान है। स्वास्थ्य विभाग में चारों ओर खलबली मची हुई है। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के देहरादून- टिहरी बॉर्डर पर ऐसे फर्जी मामले पकड़ने के बाद एक के बाद एक नए मामले खुल रहे हैं।

कोरोना जांच रिपोर्ट के फर्जी मामले में कई लैब इस धंधे में शामिल बताए जा रहे हैं, जिन्हें तत्काल ही बंद करने का आदेश दे दिया गया है। बात करें ताजा मामलों की तो उधमसिंह नगर और हरिद्वार से फर्जी जांच रिपोर्ट के मामले सामने आए हैं। 

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की मार से पहले ही राज्य जूझ रहा है, लेकिन बीच कुछ लोग पैसा कमाने की चाह में फर्जी रिपोर्ट तैयार करने से भी नहीं घबरा रहे। ऐसा ही सबसे पहला मामला देहरादून-टिहरी बॉर्डर पर आया था। जिसमें खुद कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कुछ लोगों को फर्जी एंटीजन निगेटिव टेस्ट के साथ पकड़ा था। इस मामले में टिहरी की इस लैब को प्रदेशभर में ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। जिसके बाद अब उधम सिंह नगर और हरिद्वार जिले में भी ऐसे ही मामले सामने आए हैं।

हरिद्वार में निजी लैब की तरफ से हजारों एंटीजन टेस्ट में फर्जीवाड़ा करने का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में अभी विस्तृत जांच चल रही है। मामले को देखते हुए स्वास्थ्य महानिदेशालय के स्तर पर लैब को बंद करने के आदेश दे दिए गए हैं। महाकुंभ के दौरान इस मैप की तरफ से भारी गड़बड़ी की गई प्रतीत हुई है। बहरहाल मामला कितना गंभीर है इसकी परतें तो विस्तृत जांच के बाद ही खुलेंगी, लेकिन अभी यह तय है कि राज्य में फर्जी एंटीजन टेस्ट को लेकर गड़बड़ियां बड़ी संख्या में हुई है।

स्वास्थ्य महानिदेशक तृप्ति बहुगुणा ने बताया कि उधम सिंह नगर में भी एक ऐसा ही मामला आया है। इन मामलों को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया है और जवाब आते ही कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि जिन लोगों की ओर से ऐसा किया जा रहा है वह मानवता के दुश्मन हैं और इनके खिलाफ जितना भी कड़ी कार्रवाई की जाए वह कम है। उन्होंने कहा कि ऐसे लैब 1,000 रुपये लेकर फर्जी रिपोर्ट दे रहे हैं। जिस पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है और उस फर्म को ब्लैक लिस्ट भी किया जाएगा।

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