रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय के नजदीकी गाँव नरकोटा मे फिर से बादल फटने के बाद भारी तबाही मच गयी। उसमे भी कोई बड़ा अधिकारी मौके पर नही आया।
उत्तराखंड : जनपद रुद्रप्रयाग से बड़ी ख़बर सामने आई है। रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय के नजदीकी गाँव नरकोटा मे फिर से बादल फटने के बाद भारी तबाही मच गयी। एक भवन बुरी तरह मलबे मे तब्दील हो गया जबकि कई अन्य भवनों मे पानी घुस गया। वही ग्रामीणों मे अब दहशत का माहौल है। वही प्रभवित प्रशासन के रवैये से नाराज है, आरोप है की गंभीरता से नही लिया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक़, मौसम विभाग की बारिश की भारी चेतावनी के बाद रुद्रप्रयाग जनपद के अनेक हिस्सों में बारिश जारी है। बारिश के कारण नरकोटा गांव में भारी नुकसान हुआ है। यहां बारिश का पानी और मलबा कई आवासीय घरों में घुस गया। सुबह पांच बजे की घटना के बाद गांव में अफरा तफरी का माहौल बन गया और ग्रामीणों ने किसी तरह से भागकर अपनी जान बचाई।
गांव में बारिश का पानी और मलबे ने ग्रामीणों केशवानंद जोशी के घर को पूरी तरह चपेट मे ले लिया। ऐसे मे मकान के अंदर सोये लोगो ने किसी तरह भाग कर जान बचाई। ग्रामीणों ने अपने घर खाली कर दिए और सुरक्षित स्थानों पर शरण ले ली। वही सुबह होने पर ग्रामीणों ने घटना की सूचना प्रशासन को दी। लेकिन प्रशासन की टीम भी लगभग चार घण्टे बाद मौके पर पहुची। उसमे भी कोई बड़ा अधिकारी मौके पर नही आया।
वही बारिश से ग्रामीणों चक्रधर जोशी, पुष्पानंद जोशी, भगवती प्रसाद सिलोडी के मकान, गौशाला एवम खेतों को नुकसान पहुँचा है। इसलिए ग्रामीण प्रशासन से नाराज है।
ग्रामीणों बीरबल जोशी के मकान को भारी क्षति पहुची थी, लेकिन ना तो मकान के ट्रीटमेंट के लिए पूरा पैसा मिला और ना ही सुरक्षा के कोई उपाय हुए। उनका आरोप है की डीएम और जिला पंचायत अध्यक्ष भी आये थे लेकिन इतिश्री कर चले गए, आज उनका परिवार हर रोज दहशत मे जी रहा है। ऐसे ही पुष्पानंद और चक्रधर जोशी का कहना है की पांच से छः खेत तबाह हो गए और प्रशासन चार-चार सौ रुपये मुआवजा दे रहा है, जो की भद्दा मजाक है।
मलबे से गाँव का मुख्य संपर्क मार्ग भी ध्वस्त हो गया है। जिसे बाद आज गाँव के पूर्व प्रधान भगवती प्रसाद सिलोडी और ग्रामीणों पुरुषोत्तम जोशी ने श्रमदान कर मार्ग को काफी हद तक आवाजाही के लिए सुचारु किया।
0 Comments