विनोद मैठाणी जो आज कोटद्वार में आत्मनिर्भर बन खुद की खाने की ठेली लगाकर अपनी आजीविका चला रहे हैं। बता दें कि विनोद जी पहले हरिद्वार में नौकरी किया करते थे।
कोटद्वार : आज हमारे गढ़वाल में सबसे बड़ी समस्या पलायन की है। मूलभूत सुविधाओं और रोजगार के चलते लोग पलायन करने को मजबूर हैं। वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जिनका पहाड़ के प्रति प्यार उन्हें अपने गांव खींच ही लाता है। ऐसे ही एक शख्स जो पंडित जी के नाम से प्रसिद्ध विनोद मैठाणी हैं।
जिनके जज्बे को देखकर आपका इन्हें सलाम करने का मन करेगा। विनोद जी पहले हरिद्वार में नौकरी करते थे लेकिन गांव के प्रति प्यार ने उन्हें गांव से ज्यादा दिन दूर रहने नहीं दिया और उन्होंने नौकरी छोड़कर कोटद्वार में रहने का मन बना लिया।
विनोद मैठाणी जो आज कोटद्वार में आत्मनिर्भर बन खुद की खाने की ठेली लगाकर अपनी आजीविका चला रहे हैं। बता दें कि विनोद जी पहले हरिद्वार में नौकरी किया करते थे, लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने खुद का काम करने की सोची और कोटद्वार में रहने का मन बना लिया। कोटद्वार में गीतांजलि ज्वेलर्स के सामने विनोद मैठाणी अपनी खाने की ठेली लगाते हैं।
यहां से सस्ता और स्वादिष्ट खाना आपको पूरे कोटद्वार में नहीं मिलेगा। आलू का परांठा जो पूरे कोटद्वार में 25 से 30 रुपये का बिकता है, विनोद उससे कई अच्छा और स्वादिष्ट पराठा 10 रुपये में देते हैं। यहां आपको आलू के परांठे, राजमा-चावल और कढ़ी-चावल सबसे सस्ते रेट में मिलेगा। दोस्तों, कहीं और जाने से अच्छा है कि आप विनोद मैठाणी की ठेली में जाकर सस्ता और स्वादिष्ट भोजन खाएं।
अगर विनोद मैठाणी की तरह हर युवक सोचे तो एक दिन पहाड़ से पलायन की समस्या जरूर दूर हो जाएगी। अगली बार आप जब भी कोटद्वार जाएं तो सुबह 6 बजे से 1 बजे के बीच विनोद मैठाणी जो पंडित जी के नाम से प्रसिद्ध हैं उनके यहां जरूर जाएं और जरूर खाएं।
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