पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आयी है। ब्लॉक मुख्यालय से 10 किमी दूर जरमाल गांव के छाता तोक में मां का हाथ पकड़कर चल रही ढाई साल की बच्ची को तेंदुआ अपने जबड़ों में झपट ले गया।
उत्तराखंड : जनपद पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। ब्लॉक मुख्यालय से 10 किमी दूर जरमाल गांव के छाता तोक में मां का हाथ पकड़कर चल रही ढाई साल की बच्ची को तेंदुआ अपने जबड़ों में झपट ले गया। वन विभाग की टीम बालिका का पता लगाने में जुटी हुई है।
जानकारी के मुताबिक रविवार शाम को गांव में छाता तोक में नेपाल निवासी विकास बहादुर अपनी पत्नी और ढाई साल की बच्ची रिया के साथ पानी लेकर आ रहे थे। मां रिया का हाथ पकड़कर चल रही थी। दोनों घर से करीब 10 मीटर की दूरी पर थीं, जबकि विकास उनके पीछे 20 मीटर की दूरी पर थे। तभी तेंदुआ बच्ची को अपने जबड़ों में दबोच कर जंगल में भाग गया।
सूचना पर वन कर्मी दीवान सिंह भी मौके पर पहुंचे। जानकारी मिलने पर वन रेंजर मनोज सनवाल टीम के साथ घटनास्थल के लिए रवाना हुए हैं। ग्राम प्रधान पुष्कर सिंह और सरपंच चंद्र सिंह के नेतृत्व में ग्रामीण बच्ची को ढूंढने में जुटे हैं। समाचार लिखे जाने तक बच्ची का पता नहीं चल पाया था।
इतने में वहां लीसा दोहन करने वाले अन्य मजदूर आ पहुंचे। घटना की जानकारी फौरन ग्राम प्रधान जरमाल गांव पुष्कर सिंह और वन सरपंच चंद्र सिंह को दी। प्रधान ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। जहां से बालिका की तलाश वन रक्षक दीवान सिंह ग्रामीणों के साथ मिलकर करने लगे।
इधर गंगोलीहाट से वन क्षेत्राधिकारी मनोज सनवाल भी मौके पर आ पहुंचे। उनके साथ अन्य वन कर्मी भी आए थे। बहरहाल बालिका की खोजबीन के लिए टीम की ने जांच पड़ताल शुरू कर दी थी। बता दें कि नेपाली परिवार सड़क से लगभग डेढ़ किमी दूर जंगल के पास झोपड़ी बना कर रहते हैं।
नेपाली परिवार यहां पर विगत तीन माह से यहां पर रह कर लीसा दोहन का कार्य करते हैं। लेकिन देर रात तक उसका कहीं पता नहीं चल सका। सूचना के बाद वन विभाग भी मौके पर रवाना हुआ। इस घटना से क्षेत्र में दहतश बनी हुई है। अब लोगों में गुलदार का भय और अधिक बढ़ गया है।
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