उत्तराखंड सरकार प्रदेश में जन्म लेने वाली बेटियों को महालक्ष्मी सुरक्षा कवच प्रदान करने जा रही है। प्रसवोपरांत मां और बेटी की उचित देखभाल को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार इस योजना की शुरूआत 30 जून से करने जा रही है।
उत्तराखंड सरकार प्रदेश में जन्म लेने वाली बेटियों को महालक्ष्मी सुरक्षा कवच प्रदान करने जा रही है। प्रसवोपरांत मां और बेटी की उचित देखभाल को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार इस योजना की शुरूआत 30 जून से करने जा रही है।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य के मुताबिक योजना की शुरुआत मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत करेंगे। मुख्यमंत्री आवास से होने वाले वर्चुअल कार्यक्रम में प्रदेशभर की 16929 लाभार्थियों को जोड़ते हुए महालक्ष्मी किट प्रदान की जाएगी।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में ही महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य की पहल पर मुख्यमंत्री सौभाग्यवती योजना का खाका खींचा गया था, लेकिन अब वर्तमान की तीरथ सरकार ने इसका नाम बदलकर मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट कर दिया है। इस योजना के अंतर्गत बेटी होने पर प्रत्येक परिवार को रोजाना काम आने वाले जरूरी सामानों की एक किट सौंपी जाएगी।
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य ने कहा कि मां बनने का क्षण विलक्षण है और कन्या को जन्म देना विलक्षण होने के साथ-साथ महिला में आत्मरिक्तता की भी पूर्ति करता है। इस समय जच्चा व बच्चा दोनों को ही अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है। इसे देखते हुए प्रसवोपरांत मां व कन्या शिशु की देखभाल को प्रोत्साहित करने और सुदूर क्षेत्रों तक प्रसवोपरांत स्वच्छता व सुरक्षा के आवश्यक साधनों को समयांतर्गत उपलब्ध कराने के लिए महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना शुरू की जा रही है।
आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकरण अनिवार्य........
उन्होंने बताया कि योजना के तहत प्रसवोपरांत महिला को प्रथम दो बालिकाओं के जन्म पर एक-एक किट और जुड़वा बालिकाओं के जन्म पर महिला को एक और बच्चियों के लिए पृथक-पृथक दो किट दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि योजना का लाभ लेने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकरण अनिवार्य है।
आवेदन पत्र के साथ माता-शिशु रक्षा कार्ड की प्रति, संस्थागत प्रसव प्रमाण पत्र, यदि घर में प्रसव हुआ तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा वर्कर अथवा चिकित्सक द्वारा जारी प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर की प्रति संलग्न करनी होगी। प्रथम, द्वितीय या जुड़वा कन्या के जन्म के संबंध में स्वप्रमाणित घोषणा पत्र के साथ ही नियमित सरकारी, अर्धसरकारी सेवा अथवा आयकरदाता न होने संबंधी प्रमाणपत्र भी देना होगा।
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