उत्तराखंड : फर्जी आरटीपीसीआर रिपोर्ट तैयार करने वाला निकला 12 वी का छात्र, जानिए पूरा मामला

एसओजी की टीम ने कोविड-19 की फर्जी आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट तैयार करने वाले एक किशोर को पकड़ा है। किशोर से छह फर्जी आरटीपीसीआर रिपोर्ट।


उत्तराखंड : प्रदेश में कोरोना जांच रिपोर्ट के फर्जी मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। फर्जी जांच रिपोर्ट से  स्वास्थ्य विभाग काफी परेशान है। स्वास्थ्य विभाग में चारों ओर खलबली मची हुई है। कोरोना जांच रिपोर्ट के फर्जी मामले में कई लैब इस धंधे में शामिल बताए जा रहे हैं, जिन्हें तत्काल ही बंद करने का आदेश दे दिया गया है। बात करें ताजा मामलों की तो देहरादून से फर्जी जांच रिपोर्ट के मामले सामने आए हैं। 

जानकारी मुताबिक़, एसओजी की टीम ने कोविड-19 की फर्जी आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट तैयार करने वाले एक किशोर को पकड़ा है। किशोर से छह फर्जी आरटीपीसीआर रिपोर्ट, एक कलर प्रिन्टर, एक आई कार्ड साइबर सेल, एक आधार कार्ड और एक मोबाइल बरामद किया है।

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जानकारी अनुसार, इंस्पेक्टर ऐश्वर्या पाल ने बताया कि किशोर 12 कक्षा में पड़ता है और मोबाइल के साथ ही लैपटाप की दुकान पर काम करता है। किशोर को मोबाइल की अच्छी जानकारी है। इसी का फायदा उठाकर उसने मोबाइल में पिक्सआर्ट और अडॉव लाइट रूम और अन्य एप डाउनलोड किए थे।

आहूजा लैब की आनलाइन आरटीपीसीआर रिपोर्ट को निकाल कर एप के माध्यम से आहूजा लैब की असली रिपोर्ट को एडिट कर पहले अपने नाम की एक फर्जी आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट तैयार की। फिर जरूरतमंद ग्राहकों को अपनी फर्जी रिपेार्ट दिखाकर यकीन दिलाता था कि वह बिना सैंपल के ही आहूजा लैब की आरटीपीसीआर टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट तैयार करता है। प्रति रिपोर्ट वह 150 रुपये वसूल करता था।

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