कोटद्वार : स्थानांतरण के बाद रवानगी में हुआ खेल, वर्षो से जमे मुंशीयों की नहीं हुई रवानगी

तीन वर्ष से एक ही थाने में जमे हुए सिपाहियों के स्थानान्तरण वरिष्ट पुलिस अधीक्षक पौड़ी के आदेशानुसार अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा कर दिए गए।


कोटद्वार : तीन वर्ष से एक ही थाने में जमे हुए सिपाहियों के स्थानान्तरण वरिष्ट पुलिस अधीक्षक पौड़ी के आदेशानुसार अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा कर दिए गए। यह पौड़ी जनपद में पहली बार देखने को मिला कि कई वर्षों से जमे सिपाहियों का स्थानान्तरण कोटद्वार थाने से पहाड़ी थानों में हो सका। नहीं तो यह जमे सिपाही अपनी पहुंच का फायदा उठाकर यहीं जमे रहते थे और क्राइम को बढ़ावा देते थे।

हाल ही में अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा मुंशी ( क्लर्कों ) के स्थानान्तरण भी किए गए। किंतु कोतवाली कोटद्वार द्वारा लंबे समय से जमे मुंशियों की रवानगी न करके जिन्हें तीन वर्ष हुए थे उनकी रवानगी पहले की गई। जिससे स्पष्ट होता है कि कोतवाल कोटद्वार की इसमें कुछ मिलीभगत है। 

तीन वर्ष पूरा करने वाले सिपाहियों के स्थानान्तरण तो कर दिए गए हैं किंतु तीन वर्ष से अधिक समय तक अंगद की तरह पैर जमाए उपनिरीक्षकों के स्थानान्तरण नहीं हुए हैं। जबकि इनका स्थानान्तरण होना अनिवार्य है। कहीं ना कहीं पुराने होने के कारण इनकी अपराधियों के साथ मिलीभगत होने की आशंकाएं अधिक होती है।

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