देहरादून और उधमसिन्ह नगर के कई गन हाउस पर एनआईए का शिकंजा,खालिस्यानी आतंकियों को हो रही थी मदद
उत्तराखंड: खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ देश के कई राज्यों में एनआईए की छापेमारी जारी है उत्तराखंड के भी दो जिलों उधम सिंह नगर के बाजपुर और देहरादून में एनआईए की टीम ने छापेमारी की है। आपको बता दे की राजस्थान, हरियाणा दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत उत्तराखंड में एनआईए छापेमारी कर रही है।
वहीं उधम सिंह नगर के बाजपुर में एनआईए ने छापेमारी कर कई दस्तावेज खंगाले हैं इसके साथ-साथ ही देहरादून के भी एक गन डीलर के के यहां एनआईए ने छापेमारी की है। एनआईए की उधम सिंह नगर के बाजपुर में छापेमारी की कार्रवाई चल रही है वहीं देहरादून के टनल रोड के पास एक गन डीलर के यहां एनआईए की छापेमारी जारी है देहरादून के गन डीलर परीक्षित नेगी के गन स्टोर में से कारतूस की सूचना पर छापेमारी हुई है दिल्ली पुलिस नेगी को गिरफ्तार किया था जो फिलहाल जमानत पर रहा है
दून के बड़े गन डीलर के छापा
आपको बता दें कि पिछले साल दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पांच लोगों को हजारों कर दूसरों के साथ गिरफ्तार किया था जिसकी कार्रवाई में पता चला चला कि जो लोग गिरफ्तार हुए है उन्होंने यह कारतूस देहरादून के गन डीलर के यहां से खरीदे थे जिसमें दिल्ली क्राइम ब्रांच की पड़ताल में भी देहरादून के रॉयल गन हाउस का नाम सामने आया। इसके बाद देहरादून पुलिस ने रॉयल गन हाउस में छापा मारा तो यहां दुकान पिछले कई महीने से न खुलने की सूचना मिली। पता चला की इसी गन हाउस को देहरादून के टनल रोड पर परिक्षित नेगी चलता था इसके बाद प्रशासन ने इस गन हाउस का लाइसेंस निरस्त कर दिया था इसके साथ ही जांच में यह भी पाया गया था कि गन हाउस के द्वारा गैर कानूनी तरीके से कारतूसों की सप्लाई की जाती थी इससे पहले 2022 में नेगी ने अमृतसर में कारतूस की सप्लाई की थी
खालिस्तान मूवमेंट को हवा मिलने के बाद अब लोकल पुलिस और एनआईए ने एक्टिविटी बढ़ाई है जिसके बाद देश के कई राज्यों समेत उत्तराखंड में भी छापेमारी लगातार जारी है देहरादून के दो ठिकानों पर एनआईए अब तक छापेमारी कर चुकी है वहीं उधम सिंह नगर के बाजपुर में भी एनआईए की टीम छापेमारी कर रही है इसमें कई महत्वपूर्ण तथ्य मिल सकते हैं जानकारी के मुताबिक देहरादून में दो गन हाउस पर एनआईए की छापेमारी की जा रही है। ऐसे में लोकल पुलिस और लोकल इंटेलिजेंस पर भी सवाल उठाते हैं उत्तराखंड जैसे शांत प्रिया प्रदेश में खालिस्तानियों को आखिर कौन मदद पहुंचा रहा है लोकल पुलिस और इंटेलिजेंस को क्यों नहीं इसकी भनक लगी।
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