केदारनाथ धाम में हेलीकॉप्टर से 27 यात्रियों ने किए भोले बाबा के दर्शन, 58 यात्रियों को किया रेस्क्यू

केदारनाथ में हेलीकॉप्टर से 27 यात्रियों ने दर्शन कर भोले बाबा के आशीर्वाद लिया। 58 यात्रियों को हेली से रेस्क्यू किया गया। गत 31 जुलाई को केदार घाटी में आपदा से भारी नुकसान हुआ है तथा कई यात्रा पड़ावों पर यात्रा मार्ग पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था। क्षतिग्रस्त सड़क मार्ग का निर्माण कार्य जारी है।


उत्तराखंड: दूसरे दिन केदारनाथ में हेलीकॉप्टर से 27 यात्रियों ने दर्शन कर भोले बाबा के आशीर्वाद लिया। वहीं केदारनाथ और लिंचौली से 58 यात्रियों को हेली से रेस्क्यू किया गया। दोपहर बाद मौसम खराब होने से हेलीकॉप्टर उड़ानें नहीं भर सके।

केदारनाथ में सुबह मौसम पूरी तरह साफ था, लेकिन दोपहर बाद मौसम खराब हो गया। दूसरे दिन हेलीकॉप्टर से 27 यात्री हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंचे। यात्रियों ने केदारनाथ मंदिर में पूजा अर्चना एवं दर्शन किए।

कम संख्या में पहुंच रहे यात्री

वहीं केदारघाटी के शेरसी और गुप्तकाशी हेलीपैड पर हेलीकॉप्टर से यात्रा करने के लिए यात्री पहुंचने लगे हैं। हालांकि अभी कम संख्या में यात्री पहुंच रहे हैं। जिला पर्यटन अधिकारी एवं हेली नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि शुक्रवार को 27 यात्री हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंचे हैं।

वहीं केदारनाथ पैदल मार्ग में आई आपदा के दौरान से केदारनाथ में फंसे 18 यात्रियों को शुक्रवार को हेली से रेस्क्यू किया गया। जबकि 40 यात्री केदारनाथ से लिंचौली गए जहां उन्हें हेली से शेरसी पहुंचाया गया। बदरी-केदार मंदिर समिति के सीईओ योगेंद्र सिंह ने बताया कि केदारनाथ और लिंचौली से कुल 58 यात्रियों को रेस्क्यू कर शेरसी लाया गया।

सोनप्रयाग में पैदल यात्रियों व घोड़े खच्चरों की आवाजाही सुचारू

गौरीकुंड हाईवे सोनप्रयाग में डेढ़ सौ मीटर पूरी तरह ध्वस्त हो गया था, जिससे यहां पर पैदल चलना तक संभव नहीं था। शुक्रवार को जिला प्रशासन ने हाईवे पर पैदल व घोड़े खच्चरों की आवाजाही सुचारू कर दी गई, जिससे गौरीकुंड में जरूरी सामान की आपूर्ति सुचारू हो गई है।

गत 31 जुलाई को केदार घाटी में आपदा से भारी नुकसान हुआ है तथा कई यात्रा पड़ावों पर यात्रा मार्ग पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था। जिलाधिकारी के निर्देशन में निर्माण एवं मरम्मत कार्य संबंधित विभागों द्वारा त्वरित गति से किए जा रहे हैं, ताकि पैदल यात्रा मार्ग को जल्द से जल्द तीर्थ यात्रियों के लिए आवाजाही हेतु सुचारू किया जा सके।

अधिशासी अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग निर्भय सिंह ने अवगत कराया है कि सोनप्रयाग एवं गौरीकुंड के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग जो 150 मीटर पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसमें आवाजाही पूर्णतः बंद थी, उसे शुक्रवार को पैदल यात्रियों एवं घोड़े-खच्चरों के लिए खोल दिया गया है, जिससे कि सोनप्रयाग एवं गौरीकुंड के बीच फंसे घोड़े-खच्चरों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त सड़क मार्ग का निर्माण कार्य जारी है तथा पोकलैंड मशीन के द्वारा 75 मीटर सड़क की कटिंग कर ली गई है।

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