उत्तराखंड में होगा प्रवासी परिषद का गठन, CM पुष्कर सिंह धामी ने की घोषणा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को देहरादून विश्वविद्यालय में उत्तराखंडी प्रवासी सम्मेलन का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि जल्द राज्य में प्रवासी परिषद का गठन किया जाएगा।


उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को देहरादून विश्वविद्यालय में उत्तराखंडी प्रवासी सम्मेलन का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि जल्द राज्य में प्रवासी परिषद का गठन किया जाएगा। उन्होंने प्रवासियों से राज्य के विकास में योगदान की अपील की। उन्होंने कहा कि राज्य ने निवेश के लिए प्रवासी रुचि का क्षेत्र चुन सकते हैं। सरकार हर क्षेत्र में उन्हें सहयोग देने को तैयार है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लोगों ने दुनिया के कोने-कोने में विभिन्न क्षेत्रों में परचम लहराया है। देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत से लेकर मौजूदा सीडीएस अनिल चौहान ने गांव से निकलकर देश में सर्वोच्च स्थान हासिल किया। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि देवभूमि के कई लोग देश दुनिया के अलग -अलग क्षेत्रों में नेतृत्व कर रहे हैं और यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने अलग अलग क्षेत्रों में पहचान बना चुके प्रवासियों से अपील की कि वे राज्य में अपने घर-गांव से जुड़ें। साल में एक दो बार गांव जरूर आएं।

विदेश में रह रहे प्रवासियों का सम्मेलन जनवरी में

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जनवरी में प्रवासी सम्मेलन आयोजित करेगी। इसमें विदेशों में रह रहे प्रवासियों को न्योता दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित किए जा रहे प्रवासी सम्मेलन को भव्य रूप से मनाया जाना था, लेकिन मर्चुला सड़क हादसे की वजह से सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द किए गए हैं। उन्होंने हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।

प्रवासियों के सुझाव पर तैयार होंगी नीतियां

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी सम्मेलन के दौरान मिलने वाले सुझावों के आधार पर राज्य सरकार नीतियों का निर्माण करेगी। उन्होंने कहा राज्य में बनने वाली प्रवासी परिषद प्रवासियों के साथ बेहतर समन्वय के लिए काम करेगी। उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट में प्रवासियों के मन में राज्य के प्रति प्रेम को देखते हुए उनके मन में प्रवासी सम्मेलन का विचार आया और उसके बाद ही इस तरह का सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया गया।


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