सरकारी और अशासकीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के लिए राज्य सरकार ने मेडिकल, इंजीनियरिंग और क्लैट की मुफ्त कोचिंग देने का निर्णय लिया है. इससे छात्रों की शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ेगी.
उत्तराखंड: राज्य सरकार ने सरकारी और अशासकीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के लिए मेडिकल, इंजीनियरिंग और क्लैट की मुफ्त कोचिंग देने का निर्णय लिया है. इस योजना के तहत देश के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों के साथ समझौता (एमओयू) किया जा रहा है. उच्च शिक्षा विभाग की निदेशक डॉ. अंजू अग्रवाल ने बताया कि इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है और नए शिक्षा सत्र से इस योजना को लागू कर दिया जाएगा.
इस योजना के तहत कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों को प्राथमिकता के आधार पर आवासीय राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों में ऑफलाइन माध्यम से कोचिंग दी जाएगी. इन विद्यालयों को ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ के रूप में विकसित किया जाएगा. योजना के तहत सभी इच्छुक छात्रों को कोचिंग का लाभ देने के लिए एक प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी.
- सरकार ने आईआईटी, नीट और क्लैट की कोचिंग के लिए छात्रों को तीन अलग-अलग संवर्गों में बांटने की योजना बनाई है.
- 11वीं में प्रवेश लेने वाले छात्र: इन्हें दो साल की कोचिंग के साथ एक साल की अतिरिक्त ‘हैंड होल्डिंग’ सुविधा दी जाएगी.
- 12वीं में प्रवेश लेने वाले छात्र: इन्हें एक साल की कोचिंग और एक साल की अतिरिक्त ‘हैंड होल्डिंग’ प्रदान की जाएगी.
- 12वीं उत्तीर्ण छात्र: इन्हें एक साल की कोचिंग और एक साल की हैंड होल्डिंग दी जाएगी.
सरकार ने इस योजना के तहत 900 छात्रों को कोचिंग देने का लक्ष्य रखा है. इनमें 300 छात्र-छात्राओं को आईआईटी की कोचिंग 300 को नीट की कोचिंग 300 को क्लैट की कोचिंग ऑफलाइन माध्यम से सप्ताह में प्रतिदिन दो घंटे, शाम 5 बजे से 7 बजे तक आयोजित की जाएगी.
इस पहल से छात्रों को मिलेगा लाभ
सरकारी और अशासकीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के साथ ही राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों के छात्र भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे. इससे छात्रों को समान अवसर मिलेगा और वे प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए बेहतर तैयारी कर सकेंगे. सरकार की इस पहल से राज्यों के उन छात्रों को लाभ मिलेगा, जो महंगी फीस होने के कारण कोचिंग ज्वाइन नहीं कर पाते हैं.
मेडिकल, इंजीनियरिंग और क्लैट की कोचिंग के लिए देश के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों के साथ बातचीत जारी है. उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों के बीच बैठकें हो चुकी हैं. इन बैठकों में कोचिंग संस्थानों ने अपनी सेवाओं और सुविधाओं का विवरण प्रस्तुत किया है.
कोचिंग संस्थानों के साथ एमओयू की प्रक्रिया जारी
सरकार ने कोचिंग संस्थानों की सेवा शर्तों और उनकी उपलब्ध सुविधाओं की समीक्षा की है और अब एमओयू की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. सरकार की इस पहल से राज्य के हजारों छात्रों को लाभ मिलेगा, खासकर वे छात्र जो महंगी कोचिंग का खर्च वहन नहीं कर सकते.
डॉ. अंजू अग्रवाल ने कहा, ‘छात्र-छात्राओं को मुफ्त कोचिंग देने की योजना का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है. अब कोचिंग संस्थानों के साथ एमओयू की प्रक्रिया जारी है और जल्द ही इसे लागू कर दिया जाएगा.’ यह योजना न केवल छात्रों के शैक्षणिक भविष्य को संवारने में मदद करेगी बल्कि राज्य के शैक्षिक स्तर को भी ऊंचा उठाएगी.
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